Sunday, February 26, 2012

इरान की पहेली में फंसा भारत

वतमान में भारत का महत्वपूण हित अरब खाड़ी से जुड़ा है जैसे-जैसे अरब और इरान के बीच तनाव ब़ढेगा, भारत का अरब में सिक्का मजबूत होगा और भारत व इरान के बीच संबंध मजबूत होंगे








वैश्विक स्तर पर इरान को अलग-थलग करने के बीच खबर है कि इरान ने नतांज के मुख्य परमाणु संवधन केंद्र में नयी पी़ढी के सेंट­ीफ्यूज का परिचालन शुरू कर दिया है अभी भारत एकमात्र शक्ति है, जो इरान के साथ खड़ा है पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत तेहरान के विरोध में उनका साथ दे और अपनी वैश्विक जिम्मेदारी स्वीकारे परंतु भारत का प्रतिरोध दिखाता हैकि इसकी विदेश नीति वतमान घरेलू समस्याओं से जुड़ी है इरान से आयात बंद करने पर सब्सिडी का बोझ चुनावी परिणामों को सत्तापषा के खिलाफ कर सकता है नयी दिल्ली में13 फरवरी को इजरायली राजनयिक के कार पर हुए बम हमले में तेल अवीव ने तेहरान का हाथ बताया इसके प्रप्रतिनिधियों ने ऐसा कह भारत के नीति निधारकों को मुश्किल में डाल दिया गत दिनों इरानी राष्ट­पति महमूद अहमदीनेजाद ने येलोकेक का निमाण करने, जिसे यूरेनियम संवधन में प्रयोग किया जाता है, और परमाणु तकनीक को अन्य देशों से साझा करने की इच्छा व्यक्त की थी



वास्तव में इरान के साथ भारत अपने पषा पर बहादुरी से खड़ा है भारत को इरान की प्रतिक्रियाओं से यह भय भी हैकि कहीं वह इरान और इजरायल व पश्चिमी देशों के बीच लड़ाइका मैदान न साबित हो जाये भारत इरान से संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है भारत की चिंता में अफगानिस्तान को तालिबान से बचना भी है, क्योंकि अमेरिका के जाने के बाद ऐसी संभावना है कि तालिबान सिर उठा सकते हैं इरान इसे रोक सकता है भारतीय वाणिह्लय मंत्री ने हाल में कहा भी है कि भारत के गलत कदम से दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित हो सकता है व्यापार प्रप्रतिनिधिमंडल का बड़ा दल नियात में वृद्धि की संभावनाओं की तलाश में माच में तेहरान जाने वाला है इसे 10 अरब डॉलर सालाना करने की योजना है



नयी दिल्ली आने वाले समय में इरान के वैश्विक अलगाव से उत्पत्र होने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है हालांकि सऊदी अरब ने भारत को आश्वश्त किया है कि वह इरान की जगह ले सकता है इसके बावजूद भारत ने इरान पर प्रतिबंध का विरोध किया है खासकर यदि तुकी मध्यवती बैंक के रूप में काम करना बंद कर देता है तो भारत के लिए इरान को क्रूड ऑयल के लिए12 अरब डॉलर की राशि चुकाना मुश्किल हो जायेगा अमेरिकी नीति निधारकों ने भारत को आगाह कर दिया हैकि इरान को मंदी के उबारने के लिए बेलआउट पैकज का विचार करना अमेरिकी प्रतिबंध की अवहेलना का मामला हो सकता है



भारत अपनी खपत का 12 फीसदी तेल इरान से आयात करता है इरान सऊदी अरब के बाद दूसरा बड़ा तेल सप्लायर है भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखजी ने जब कहा कि इरान से तेल आयात में कटौती करना असंभव है, तो वे विदेश और घरेलू नीति की धुरी पर प्रकाश डाल रह थे जब बजट घाटा ब़ढ रहा हो और तेल पर सब्सिडी का दौर जारी हो, वे चुनाव के दौरान जनता को नाराज नहीं करना चाहते



भारत और अमेरिका ने अपने संबंधों को 2005 में परमाणु करार का खाका तैयार करते समय नया रूप दिया इरान इस समझौते के भविष्य का लिटमस टेस्ट साबित होने जा रहा है, कि वह अमेरिकी नीति निधारकों को संतुष्ट करने में सषाम हैकि नहीं भारत को अमेरिका के प्रति वफादारी सिद्ध करने को कहा जा सकता है बुश प्रशासन ने कहा था कि यदि भारत फरवरी 2006 में इरान मुद्दे पर आइएइए में अमेरिका के प्रस्ताव का विरोध किया तो अमेरिकी कांग्रेस परमाणु समझौते को लागू नहीं करेगी भारत ने 26 अन्य देशों साथ इरान को यूएन सुरषा काउंसिल में जाने के लिए वोट दिया इसके बाद कांग्रेस के ह्लयादतर सदस्य मांग करने लगे कि समझौते के लिए यह शत भी होनी चाहिए कि भारत तेहरान से सभी सैन्य संबंध तोड़ दे लेकिन बुश प्रशासन ने यह कहते हुए विरोध किया कि भारत की ओर से समझौता रद्द हो सकता है उसी दौरान देश के वाम दल मांग करने लगे कि भारत को अमेरिका विरोधी नीति अपनानी चाहिए, क्योंकि भारत के रणनीति महत्व के लिए इरान ह्लयादा मायने रखता है



हालिया दौर का आकलन करने पर पाते हैं कि इरान के परमाणु कायक्रम के प्रश्न पर भारत की स्थिति में कोइ तब्दीली नहीं आयी है भारत कहता रहा हैकि इरान को नागरिक प्रयोग के लिए परमाणु ऊजा प्रोग्राम जारी रखने का अधिकार है साथ ही जोर देता रहा हैकि इरान को आइएइए के संदेहों को दूर करना चाहिए पश्चिम का मानना है कि इरान की परमाणु महत्वकांषा मध्यपूव को अस्थिर कर सकती है भारत के प्रधानमंत्री ने रिकॉड में यह बात कही हैकि इरान का परमाणु कायक्रम भारत के हित में नहीं है, लेकिन दिल्ली इरान की परमाणु महत्वकांषा को इरान-इजरायल के विवाद के आइने से नहीं देखना चाहता भारत की अपनी ऊजा जरूरतंे हैं वह इरान के ऊजासेक्टर में मौजूदगी दज कराना चाहता है भारत इरान में अपने प्रभाव को लेकर चिंतित है, क्योंकि वह यूएन मापकों को इरान के खिलाफ दृ़ढता से लागू कर चुका है चीन सुरषा परिषद का सदस्य होने के नाते यूएन की नीति को इरान के हित में नया रूप देने में मदद करता है चीन बिना किसी समस्या के ऊजा व्यापार को इरान में ब़ढा सकता है



वतमान में भारत का महत्वपूण हित अरब खाड़ी से जुड़ा है जैसे-जैसे अरब और इरान के बीच तनाव ब़ढेगा, भारत का अरब में सिक्का मजबूत होगा और भारत व इरान के बीच संबंध मजबूत होंगे इस दौरान दिल्ली की तेहरान में मौजूदगी की सीमा भी इरान के आंतरिक संघष, इरान व अरब के बीच तनाव और इरान के परमाणु कायक्रम द्वारा निधारित होगी दिल्ली में इजरायली दूतावास की गाड़ी में विस्फोट में तेहरान की तथाकथित भूमिका और इसके लिए भारत की धरती के इस्तेमाल से उपजी स्थितियां इरान से व्यापार कम करने के लिए दबाव ब़ढायेंगी हालांकि घरेलू राजनीति की स्थिति चुनावों और ब़ढती ऊजा जरूरतों के आधार पर नयी शक्ल लेगी अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी से पैदा शून्य को भरने का संकट मंडरा रहा है ऐसी स्थिति में दिल्ली निकट भविष्य में तेहरान को पूरी तरह दरकिनार नहीं कर सकता

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